ग्वार गम

ग्वार का पुराना स्टॉक भारी मात्रा में: दिसंबर से तेजी की संभावना
Wed, 04th Oct, 2017 10:53 pm

मयूर महेता: बिकानेर, दिनांक-2
ग्वार का पुराना स्टॉक भारी मात्रा में जमा है, लेकिन इस साल बुआई में कमी होने से और अपर्याप्त बारिश की वजह से ऊपज कम होने से नई फसल पिछले साल से आधी आने की संभावना की वजह से दिसंबर से ग्वार-गम वायदा में तेजी होने की संभावना मार्केट के दिग्गज अभ्यासुओं ने बिकानेर में आयोजित ग्वार-डे उत्सव के सेमिनार में व्यक्त की थी। मार्केट के अभ्यासुओं के मुताबिक दिसंबर से पहले ग्वार-गम मार्केट में एक गिरावट आने की उम्मीद व्यक्त की गई थी।
ऑल इंडिया फॉरवर्ड ट्रेडर्स एसोसिएशन (आईफ्टा) द्वारा 2 अक्टूबर को बिकानेर में आयोजित ग्वार-डे के राष्ट्रीय सेमिनार में देश भर से ग्वार-गम के बाजार से जुड़े व्यापारियों, प्रोसेसर्स, सट्टोरियों, ब्रोकरों, निर्यातकों और हेजर्स उपस्थित रहे थे। दो साल पहले बिकानेर में आयोजित सेमिनार में गंगानगर कमोड़िटी लिमिटेड द्वारा किए गए सुझाव का स्वागत करते हुए पूरी ग्वार-गम इंडस्ट्री ने हर साल 2 अक्टूबर को ग्वार-डे के रूप में मनाने का तय किया था। इस साल, 2 अक्टूबर को ग्वार-डे निमित्ते आईफ्टा द्वारा बिकानेर में ग्वार-गम राष्ट्रीय सेमिनार को आयोजित करने की जिम्मेदारी उठाई गई थी। आईफ्टा के अध्यक्ष बिपीन अग्रवाल, उपाध्यक्ष विशाल बगडिया, माननीय सचिव अशोक मित्तल और बिकानेर के व्यापारी और किसान आगेवान पूखराज चोपड़ा के नेतृत्व में 400 से अधिक प्रतिभागियों की मौजूदगी में शानदार तरीके से ग्वार का सेमिनार आयोजित किया गया था।

प्राइस आउटलूक-फंडामेंटल
ग्वार-डे निमित्ते आयोजित सेमिनार में प्राइस आउटलूक सत्र का आयोजन किया गया था, जिसको आईफ्टा के सचिव अशोक मित्तल ने संचालित किया था। ग्वार-गम मार्केट के फंडामेंटल्स और तकनिकी दोनों प्रकार के अनुमानों यहां व्यक्त किए गए थे। डिसा के आगेवान और म वकल कॉर्पोरेशन के सहयोगी राकेश धारीवाल ने बताया था कि पिछले साल देश में करीब 95 लाख से एक करोड़ बोरी (एक बोरी-100 किग्रा) ग्वार का उत्पादन हुआ था, जो नई सीजन में घटकर 65 लाख बोरी हो जाएगा। इस साल ग्वार की बुआई 20 प्रतिशत घट गई है, और 41 डिग्री से ऊपर के तापमान से ग्वार की ऊपज लगभग सभी क्षेत्रों में पिछले साल की तुलना में कम आई है। पिछले साल के 95 लाख से एक करोड़ बोरी के उत्पादन में से 60 से 65 लाख बोरी की मंडी में आय हुई थी और 10 से 15 लाख बोरी किसानों के पास अभी भी शेष रह गई है ऐसा अनुमान है। 2011-12 में ग्वार की ऐतिहासिक ऊंची कीमत दर्ज हुई उस समय के बाद से पूरे देश में ग्वार का स्टॉक हर साल बढ़ रहा है। इसलिए हाल में देश में कई केंद्रों में स्टोकिस्टों के पास चार से पांच साल पुराना ग्वार का स्टॉक जमा है इसलिए पुराना स्टॉक 90 लाख बोरी का शेष होने का अनुमान है। देश में ग्वार की सालाना खपत 1.40 करोड़ बोरी की होती है, लेकिन 35 से 40 लाख बोरी ग्वार का पुराना स्टॉक बहुत ऊंची कीमत का है इसलिए यह स्टॉक बाजार में कम कीमत पर नहीं बेचा जाएगा। इसलिए ग्वार-गम की मार्केट में इस साल तेजी रहने की संभावना है।
गंगानगर के व्यवसायी आगेवान मनोज जाजू ने बहुत ही अलग अनुमानों बताते हुए कहा था कि इस साल ग्वार की बुआई सभी की उम्मीदों से विपरीत पिछले साल से अधिक हुई है। नई सीजन में ग्वार का उत्पादन 1.05 करोड़ बोरी का होगा और पुराना स्टॉक 1.40 करोड़ बोरी हाल में मार्केट में मौजूद है, इसलिए नई सीजन में ग्वार की आपूर्ति 2.45 करोड़ बोरी की होगी, इसके सामने ग्वार की सालाना मांग 1.25 करोड़ बोरी की है इसलिए नई सीजन में ग्वार की कीमत में प्रति क्विंटल 3,500 रुपए से अधिक की तेजी होने की संभावना नहीं है।
राजस्थान के आगेवान और फेडरेशन ऑफ स्पाइस स्टैक होल्डर्स के डायरेक्टर दिनेश भट्टर ने कहा था कि नए सीजन में ग्वार का उत्पादन 60 लाख बोरी का होगा। ग्वार की सालाना मांग 1.25 करोड़ बोरी की है, इसलिए ग्वार की कीमत नई सीजन में बढ़कर प्रति क्विंटल 5,000 रुपए से 5,500 रुपए और गम की कीमत बढ़कर 11,000 रुपए से 11,500 रुपए होगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि एनसीडीएक्स में चल रहे ग्वार वायदा में वर्तमान में कीमत 3,600 रुपए से 3,700 रुपए और गम की कीमत 7,900 रुपए से 8,000 रुपए चल रही है।
राजस्थान के किसान-व्यापारी आगेवान, बिकानेर व्यापारी मंडल के प्रवक्ता, बिकानेर मंडी के पूर्व अध्यक्ष और फेडरेशन ऑफ स्पाइस स्टैक होल्डर्स के ट्रस्टी पुखराज चोपड़ा ने बताया था कि पिछली सीजन में ग्वार का उत्पादन 80 लाख बोरी हुआ था, जो नई सीजन में घटकर 60 लाख बोरी का होगा। ग्वार का पुराना स्टॉक 1.50 लाख बोरी होने का अनुमान है, लेकिन 2011 में ग्वार की कीमत प्रति क्विंटल 30,000 रुपए हो गई है इसलिए ग्वार-गम की बाजार में कीमत कहीं भी जा सकती है। इस साल ग्वार-गम की बाजार में कुछ भी हो सकता है। 60 लाख बोरी की फसल है इसलिए कोई भी फाइनेंशियल रूप से पूरी फसल पर कब्ज़ा जमाकर बाजार को कही भी ले जा सकता है।
गंगानगर कमोड़िटी लिमिटेड के समाहर्ता और आईफ्टा के वाइस प्रेसिडेंट विशाल बगडिया ने कहा था कि नई सीजन में ग्वार का उत्पादन 70 से 80 लाख बोरी का होगा, ग्वार का पुराना स्टॉक 1.25 से 1.30 लाख बोरी का शेष है और ग्वार की सालाना मांग 1.30 से 1.40 लाख बोरी की रहती होने से नई सीजन में ग्वार में तेजी होने की संभावना है।
ग्वार-गम मार्केट के बेताज बादशाह माने जाते गुड्डु ने बताया था कि ग्वार का उत्पादन नई सीजन में 70 लाख बोरी का रहेगा और पुराना स्टॉक 1.50 करोड बोरी का शेष है। ग्वार की सालाना मांग 1.20 करोड़ बोरी की रहती है, लेकिन नया उत्पादन कम हुआ है इसलिए 15 नवंबर के बाद ग्वार में तेजी देखने मिलेगी और कीमत बढ़कर 4,400 रुपए से 4,500 रुपए होगी।
जयपुर की विनोद कमोड़िटीज के अनिल शर्मा ने कहा था कि नई सीजन में ग्वार का उत्पादन 60 लाख बोरी का होगा और पुराना स्टॉक 1.25 करोड़ बोरी का शेष होने का अनुमान है। ग्वार की सालाना मांग एक करोड़ बोरी की रहती है, लेकिन नई सीजन में उत्पादन कम है इसलिए मार्च तक में ग्वार की कीमत बढ़कर 6,000 रुपए और गम की कीमत बढ़कर 12,500 रुपए से 13,000 रुपए होगी।

प्राइस आउटलूक-तकनिकी
बिकानेर के प्रसिद्ध तकनिकी विश्लेषक राजीव रामपुरिया ने कहा था कि ग्वार वायदा में 3,300 रुपए का स्ट्रोंग सपोर्ट है इसलिए इस कीमत से नीचे जाने की संभावना नहीं है। ग्वार में 4,200 रुपए का लैवल बहुत ही महत्वपूर्ण है। पिछले दो सालों में ग्वार वायदा में यह स्तर देखने मिला है, लेकिन इस स्तर से कीमत नहीं बढ़ सकी थी। सीजन में 4,200 रुपए का स्तर पार होगा तब ग्वार वायदा बढ़कर 4,500 रुपए से 4,700 रुपए होगा।
कच्छ-भूज के प्रसिद्ध तकनिकी विश्लेषक निखिल वोरा ने कहा था कि, ग्वार वायदा में शोर्ट टर्म कीमत घटकर 3,350 रुपए से 3,400 रुपए होगी, लेकिन लांग टर्म तेजी है इसलिए कीमत बढ़कर 4,470 रुपए से 4,800 रुपए होगी, लेकिन ग्वार में 4,170 रुपए का स्तर पार करेगा तब ही यह कीमत होगी। गम वायदा में शोर्ट टर्म कीमत घटकर 7,050 रुपए से 7,350 रुपए होगी जबकि लांग टर्म कीमत बढ़कर 8,000 रुपए होगी।
जयपुर के संशोधन विश्लेषक नरेश सुथार ने कहा था कि अगले तीन से चार महीनों में ग्वार वायदा बढ़कर 4,400 रुपए से 4,500 रुपए हो सकता है। निवेशकों ने ग्वार वायदा में 3,350 रुपए से 3,430 रुपए के स्तर पर 3,200 रुपए का स्टोपलोस रखकर बाइंग करना चाहिए। गम वायदा अगले दो से तीन महीनों में घटकर एक समय पर 6,800 रुपए हो सकता है, लेकिन लांग टर्म यानि की चार से पांच महीनों में गम वायदा बढ़कर 9,000 रुपए से 9,500 रुपए हो सकता है।
उपसंहार
ग्वार-डे निमित्ते आयोजित सेमिनार में 90 से 95 प्रतिशत पब्लिक ग्वार-गम में तेजी होने की चर्चा कर रही थी। पांच से दस प्रतिशत ही पब्लिक ग्वार में कोई बड़ी तेजी होने का अस्वीकार करते थे। ग्वार में एकल-दोकल के अलावा किसीने भी 4,500 रुपए के ऊपर की तेजी होने की बात नहीं की थी। एक प्रसिद्ध विश्लेषक और पुराने उत्पादन-निर्यात के डेटा के आधार पर एक गहन अध्ययनकर्ता ने कहा कि ग्वार पांच से सात साल तक बचाया जा सकता है, इसलिए स्टॉक के बारे में हमेशा सब हवा में तीर मारतें हैं लेकिन पिछले दस सालों के ग्वार के उत्पादन के आंकड़ों और गम के निर्यात के आंकड़ों का अध्ययन करने से हाल में भारत में ग्वार का चार करोड़ बोरी से अधिक का स्टॉक शेष हो सकता है। यह व्यापक स्टॉक है इसलिए ग्वार में तेजी होनी मुश्किल है। गम की निर्यातक कंपनी के एक्स्पोर्ट एक्जिक्यूटिव ने कहा था कि कच्चे तेल का शारकाम करती ड्रिलिंग रिग में अब तक गम पाउडर का इस्तेमाल व्यापक मात्रा में होता था, लेकिन अब गम पाउडर की बजाय सस्ता क्विक ऑईल उपलब्ध है इसलिए अब गम पाउडर का इस्तेमाल लगातार घटने लगा है, जिसके प्रभाव से नई सीजन में गम पाउडर की निर्यात कम होने की संभावना है। कुछ दिग्गजों हमेशा कहते आए है कि जो चीज में 90 प्रतिशत गाँव तेजी में है उसमें तेजी नहीं होती। ग्वार-गम की मार्केट में सक्रिय सभी को पैसे निवेश करने से पहले यहां आगेवानों के द्वारा जारी हुए अनुमानों, बाजार के उनके अनुभवों और मार्केट को प्रभावित करनेवाले सभी प्रकार के पहलुओं का अध्ययन करके निवेश करना आवश्यक है। यहां आपको याद दिलाना आवश्यक है कि कुछ महीनों पहले कोटा में आयोजित धनिया के सेमिनार में 90 से 95 प्रतिशत जनता ने धनिया में तेजी होने का अनुमान किया था और एक माने जाते विश्लेक कम कोलमीस्ट ने 'धनिया धन बरसाएगा' सूत्र का प्रसार करके कई लोगों को शिशे में ऊतार दिए थे, आज धनिया की बाजार का क्या हाल है? इसका अध्ययन करना बहुत महत्वपूर्ण है।


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